देश के गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में तीन नए क़ानूनों का मसौदा पेश करते हुए कहा था कि भारतीय न्याय संहिता में महिलाओं से जुड़े अपराधों को रोकने के लिए खास कदम उठाए गए हैं।
अदालतों के सामने ‘शादी का झूठा वादा कर यौन संबंध बनाने’ के मामले आते रहे हैं। इस तरह के केस में लड़का और लड़की रिलेशनशिप में होते हैं, इस दौरान उनके बीच फिजिकल रिलेशन भी बन जाता है। कोर्ट में ‘शादी का झूठा वादा कर यौन संबंध बनाने’ का केस जाता है।
भारतीय दंड संहिता (IPC) में धारा 375 बलात्कार के अपराध को परिभाषित करती है और उसके लिए सजा निर्धारित करती है। धारा 375 के तहत बलात्कार का दोषी पाए जाने पर दो से पांच वर्ष की कैद या आजीवन कारावास की दी जा सकती है, जो कि अपराध की गंभीरता पर निर्भर करता है। वहीं सेक्शन 90 में धोखाधड़ी से कंसेंट लेने के अपराध को परिभाषित किया गया है।
जो कोई छल से या किसी स्त्री से विवाह करने का वचन देकर, उसे पूरा करने का कोई आशय न रखते हुए, उसके साथ ऐसा मैथुन करेगा, जो बलात्कार के अपराध की कोटि में नहीं आता, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी, दंडित किया जाएगा और जुर्माने से भी दंडनीय होगा।
जो कोई छल से या किसी स्त्री से विवाह करने का वचन देकर, उसे पूरा करने का कोई आशय न रखते हुए, उसके साथ ऐसा करेगा, जो बलात्कार के अपराध की कोटि में नहीं आता, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि दस वर्ष तक की हो सकेगी, दंडित किया जाएगा और जुर्माने से भी दंडनीय होगा।
स्पष्टीकरण: “धोखेबाज़ साधनों” में झूठा वादा, देना शामिल होगा।